महाभारत कब लिखा गया था?

महाभारत निश्चित तौर पर ३१००-१२०० ईसा पूर्व रची गयी होगीं, जो महाभारत में वर्णित ज्योतिषीय तिथियों, भाषाई विश्लेषण, विदेशी सूत्रों एवं पुरातत्व प्रमाणों से मेल खाती है। परन्तु आधुनिक संस्करण की रचना ६००-२०० ईसा पूर्व हुई होगी।

क्या महाभारत एक सच्ची कहानी है?

इस संबंध में quora पर कई जवाब हैं.
https://hi.quora.com/महाभारत-एक-सच्ची-घटना-है-या

महाभारत कहाँ लिखा गया था?

https://hi.wikipedia.org/wiki/महाभारत_का_रचना_काल

महाभारत को लिखने वाला कौन है?

महर्षि कृष्णद्वैपायन वेदव्यास महाभारत ग्रंथ के रचयिता थे। कृष्णद्वैपायन वेदव्यास महर्षि पराशर और सत्यवती के पुत्र थे| महाभारत ग्रंथ का लेखन भगवान् गणेश ने महर्षि वेदव्यास से सुन सुनकर किया था। वेदव्यास महाभारत के रचयिता ही नहीं, बल्कि उन घटनाओं के साक्षी भी रहे हैं, जो क्रमानुसार घटित हुई हैं।
https://hi.wikipedia.org/wiki/वेदव्यास

महाभारत की कथा क्या है?

महाभारत एक प्राचीन भारतीय महाकाव्य है जहां मुख्य कहानी एक परिवार की दो शाखाओं - पांडवों और कौरवों के इर्द-गिर्द घूमती है - जो कुरुक्षेत्र युद्ध में हस्तिनापुर के सिंहासन के लिए लड़ाई करते हैं । इस कथा में मृत या जीवित लोगों और दार्शनिक प्रवचनों के बारे में कई छोटी कहानियाँ हैं।

महाभारत की शुरुआत कहाँ से हुई?

महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र में लड़ा गया था। कुरुक्षेत्र हरियाणा में स्थित है। लड़ाई के लिए कुरुक्षेत्र का चयन श्री कृष्ण ने ही किया था। इसके पीछे कारण था कि जब कुरु इस क्षेत्र की जुताई कर रहे थे तब इन्द्र ने उनसे जाकर इसका कारण पूछा।

https://hindi.webdunia.com/sanatan-dharma-history/when-where-why-and-how-mahabharata-118060600031_1.html

Webmaster comments about Mahabharat

  Mahabharat and Ramayan are not mythology, but lost history of India. It is story of two avatars of lord Vishnu in Treta yug and Dwapar yug.However, webmaster believes that with time, Mahabharat and Ramayan has been modified and exaggerated. However soul of these two stories are intact and be summarised by two of Bhagvadgita slokas.
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥४-७॥

परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम् ।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥४-८॥

हिंदी में अर्थ

जब-जब इस पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है, विनाश का कार्य होता है और अधर्म आगे बढ़ता है, तब-तब मैं इस पृथ्वी पर आता हूँ और इस पृथ्वी पर अवतार लेता हूँ।
सज्जनों और साधुओं की रक्षा करने लिए और पृथ्वी पर से पाप को नष्ट करने के लिए तथा दुर्जनों और पापियों के विनाश करने के लिए और धर्म की स्थापना के लिए मैं हर युग में बार-बार अवतार लेता हूँ और समस्त पृथ्वी वासियों का कल्याण करता हूँ।

Above sloka in Roman Script

“Yada yada hi dharmasya glanirbhavati bharata,
Abhythanamadharmasya tadatmanam srijamyaham
Paritranaya sadhunang vinashay cha dushkritam
Dharmasangsthapanarthay sambhabami yuge yuge”

Meaning of these two slokas in English
“Whenever there is decay of righteousness, O Bharata,
And there is exaltation of unrighteousness, then I Myself come forth ;
For the protection of the good, for the destruction of evil-doers,
For the sake of firmly establishing righteousness, I am born from age to age.”

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